मित्र, अभी प्रवक्ता से आपको पढ़कर आ रहा हूँ, काफी अच्छा लगा संस्कृति से प्रेरित लेख है।
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अल्पना, यह प्रतिक्रियात्मक, नकारत्मक ऊर्जा से प्रेरित लेख है-मुझे क्षमा करना यह लिख रहा हूँ.....
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मित्र, अभी प्रवक्ता से आपको पढ़कर आ रहा हूँ, काफी अच् छा लगा संस् कृति से प्रेरित लेख है।
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अगर आप मानें तो ठीक, नहीं तो आप अपने ब्लागों पर किसी भी शैली (व्यंग, विरोध और द्वेष प्रेरित लेख) के माध्यम से हमारी टांग खिंचाई कर सकते है।
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“ एक रात पराई औरत के साथ ” जैसे लेखों को कॉस्मोपॉलिटन जैसी पत्रिकाओं से सीधे उड़ाया गया लगता है, और जाहिर है, ऐसे, पश्चिमी रस्मोरिवाज से प्रेरित लेख-आम भारतीय के किसी काम के नहीं-सिवाय मानसिक मनोरंजन प्रदान करने के.
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“ एक रात पराई औरत के साथ ” जैसे लेखों को कॉस्मोपॉलिटन जैसी पत्रिकाओं से सीधे उड़ाया गया लगता है, और जाहिर है, ऐसे, पश्चिमी रस्मोरिवाज से प्रेरित लेख-आम भारतीय के किसी काम के नहीं-सिवाय मानसिक मनोरंजन प्रदान करने के.
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अल्पना, यह प्रतिक्रियात्मक,नकारत्मक ऊर्जा से प्रेरित लेख है-मुझे क्षमा करना यह लिख रहा हूँ.....दुनिया में अच्छे बुरे सब तरह के लोग हैं-हम अंतर्जाल पर अंततः उन्ही लोगों का साथ करते हैं जैसा खुद होते हैं...क्योकि यहाँ भी अच्छे भी बुरे भी हैं..